
नवरात्रि से लेकर दिवाली तक जो मिठास घरों में घुलनी चाहिए, वो अब मिलावट का ज़हर बन गई है।
दिल्ली में कुट्टू के आटे के 50% सैंपल फेल हो गए हैं — और वो भी तब जब त्योहारों पर लोग व्रत और पूजा में इसे सबसे पवित्र मानते हैं। एक तरफ़ लोग भगवान का भोग बना रहे हैं, दूसरी तरफ मिलावटखोर ‘भोग’ का खेल खेल रहे हैं।
वैन हुई खराब, सिस्टम हो गया आउट ऑफ सर्विस!
तीन साल पहले जिन वैनों को मिलावट के खिलाफ हाइटेक हथियार बताया गया था, उनमें से दो अब वर्कशॉप में ध्यान लगा रही हैं। सिर्फ़ एक जांच वैन काम कर रही है, बाकी दो वैन “त्योहारी ब्रेकडाउन” पर हैं, यानि मिलावटखोरों को खुला मैदान मिल गया है।
इंस्पेक्टर कम, जिम्मेदारी ज्यादा
32 फूड इंस्पेक्टरों की मंजूरी है, लेकिन सिर्फ 20 ही मैदान में डटे हैं। बाकी शायद छुट्टी पर, डेपुटेशन पर या खुद ही जांच के लायक नहीं बचे।
एक तरफ लोग कुट्टू खाकर उल्टियां कर रहे हैं, दूसरी तरफ अफसर सिर्फ “फार्मैलिटी फॉर्म” भर रहे हैं।
कुट्टू आटा स्कैम: सेहत से सीधा खिलवाड़
जहांगीरपुरी में 250 से ज्यादा लोग कुट्टू खाकर बीमार हुए। फूड डिपार्टमेंट ने 73 सैंपल उठाए, जिनमें से 36 फेल हो गए! मतलब कुट्टू में कोई कट्टा मिला था! स्वास्थ्य पर सीधा अटैक और त्योहारों पर शुद्धता का पूरा मज़ाक। अब दोबारा जांच की जाएगी – काश फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की “आत्मा” पहले ही जाग गई होती।
नकली मिठाई की मीठी मार!
दूध, खोया और घी से बनी मिठाइयों में सबसे ज्यादा मिलावट की आशंका है। अफसर छापे मार रहे हैं, पर जांच की रफ्तार हलवाई की कतार से भी धीमी है।

चमकीली मिठाई से बचें — एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर चांदी का वर्क हथेली पर घिसने से खत्म नहीं होता, तो समझिए वह “चांदी” नहीं, बीमारी का इनविटेशन है।
हेल्पलाइन है, लेकिन हेल्प कौन करेगा?
अगर आपको कोई नकली मिठाई या संदेहास्पद खाद्य उत्पाद दिखे, तो सीधे शिकायत करें 1800113921 (Food Safety Helpline)
लेकिन सवाल ये भी है — जब वैन काम नहीं कर रही, इंस्पेक्टर फुल स्ट्रेंथ में नहीं हैं, तो इस शिकायत का निपटारा कौन करेगा?
इस बार मिठास अपने रिस्क पर!
त्योहारी सीजन में सरकार का संदेश साफ़ होना चाहिए था: “आप मिठाई खाइए, हम मिलावटखोरों को देख लेंगे!”
लेकिन अब तो लगता है,
“आप ही देखिए… क्योंकि हम तो फूड वैन में पंक्चर सुधार रहे हैं।”
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